Gulzar shayari in Hindi on Love
कल फिर चाँद का ख़ंजर घोंप के सीने में
रात ने मेरी जाँ लेने की कोशिश की
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
एक सितारा जल्दी जल्दी डूब गया
मैं ने जब तारे गिनने की कोशिश की
एक धुएँ का मर्ग़ोला सा निकला है
मिट्टी में जब दिल बोने की कोशिश की
फूल ने टहनी से उड़ने की कोशिश की
इक ताइर का दिल रखने की कोशिश की
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं
गुलज़ार शायरी ऑन लव इन हिंदी

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं
कभी तो चौक के देखे वो हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी वो इंतजार दिखे
कैसे करें हम ख़ुद को
तेरे प्यार के काबिल,
जब हम बदलते हैं,
तो तुम शर्ते बदल देते हो
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा,
इसका शायद कोई हल नहीं हैं
समेट लो इन नाजुक पलो को
ना जाने ये लम्हे हो ना हो
हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल
उन पलो में हम हो ना हो
उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे
गुलज़ार शायरी वीडियो हिंदी में प्यार पर | Gulzar Shayari in Hindi on Love
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